प्रशिक्षण, प्रशिक्षा, प्रमाणन : एन.जी.ए.आई. द्वारा गतका ऑफिशिएटिंग नए युग में प्रवेश
- By Gaurav --
- Tuesday, 23 Dec, 2025
Training, Coaching, Certification: Gatka Officiating Enters a New Era by NGAI
नेशनल गतका एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एन.जी.ए.आई.) द्वारा पिछले दिनों चंडीगढ़ के सेक्टर-53 स्थित गुरुद्वारा बाबे के में आयोजित तीसरे राष्ट्रीय गतका रिफ्रेशर कोर्स के दौरान तीन दिनों तक गतका ऑफिशिएटिंग का प्रशिक्षण, प्रशिक्षा, प्रमाणन हुआ। यह राष्ट्रीय स्तर का कार्यक्रम किसी सामान्य प्रशिक्षण शिविर से कहीं आगे था जिसमें गहन सैद्धांतिक अध्ययन, व्यवहारिक प्रशिक्षण और औपचारिक मूल्यांकन की एक सुदृढ़ प्रक्रिया शामिल रही।
देश के विभिन्न राज्यों से आए गतका रेफरी, जज, तकनीकी अधिकारीयों (ऑफिशियलज) ने इस कोर्स में भाग लिया जिसे तकनीकी दक्षता को मजबूत करने, नियमों का एकरूप अनुपालन सुनिश्चित करने और राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं की बढ़ती आवश्यकताओं के अनुरूप रेफरी और जजों को तैयार करने के उद्देश्य से तैयार किया गया था। इस शिविर का संचालन इंटरनेशनल सिख मार्शल आर्ट काउंसिल के उप चेयरमैन सुखचैन सिंह कलसानी के मार्गदर्शन में किया गया। हरसिमरन सिंह, शैरी सिंह व नरिंदरपाल सिंह ने कैंप कोऑर्डिनेटर की भूमिका निभाई जबकि अन्य इंतज़ाम की ज़िम्मेदारी व बलजीत सिंह सैनी ने निभाई। इस कार्यक्रम की समग्र देखरेख एन.जी.ए.आई. के अध्यक्ष एडवोकेट हरजीत सिंह ग्रेवाल द्वारा की गई।
तकनीकी आधार का निर्माण
पहले दिन आयोजित कक्षा सत्र में एडवोकेट हरजीत सिंह ग्रेवाल ने प्रतिभागियों को गतका और सिख मार्शल आर्ट की बुनियादी अवधारणाओं के अलावा आधुनिक खेल गतका को उसके ऐतिहासिक और तकनीकी संदर्भ में अवगत कराया। इसके बाद माहिर रेफरीज ने सैद्धांतिक कक्षाओं में गतका उपकरण, फाउल और उनका वर्गीकरण, मैदान चिह्नांकन, टीम पंजीकरण प्रक्रियाएं और ड्रॉ तैयार करने जैसे विषयों पर विस्तार से चर्चा की।
गतका ऑफिशियलज की भूमिकाओं और दायित्वों पर केंद्रित एक विशेष सत्र में इस बात पर जोर दिया गया कि मुकाबलों के दौरान निष्पक्षता और अनुशासन बनाए रखना उनकी प्रमुख जिम्मेदारी है। शाम को विस्तारित व्यवहारिक सत्र में वरिष्ठ प्रशिक्षकों ने अभ्यास ड्रिल्स और नकली मुकाबला स्थितियों के माध्यम से सैद्धांतिक ज्ञान को मैदान पर लागू किया।
प्रतियोगिता योजना और नियमों की व्याख्या
दूसरे दिन सुबह व्यवहारिक प्रशिक्षण में ऑफिशिएटिंग, पोजिशनिंग और आपसी समन्वय को मजबूत किया गया। दिन भर में सैद्धांतिक सत्रों में अद्यतन अंतरराष्ट्रीय नियमों, टूर्नामेंट योजना, अंक निर्धारण प्रणाली और विवाद निपटाने में जूरी की भूमिका पर चर्चा हुई।
गतका खेल के भविष्य को लेकर विचार-विमर्श, ओवरऑल चैंपियन तय करने की प्रक्रिया और रिकॉर्ड संधारण जैसे विषयों ने यह स्पष्ट किया कि यह पारंपरिक खेल अब पेशेवर इवेंट प्रबंधन की दिशा में आगे बढ़ रहा है। शाम की व्यवहारिक कक्षाएं में अधिकारियों को वास्तविक टूर्नामेंट दबाव की तरह तैयार किए गए नकली मुकाबलों में निर्णय लेने की क्षमता परखने का अवसर मिला।
निर्णय-निर्माण और प्रमाणन
तीसरे और अंतिम दिन का फोकस ऑफिशिएटिंग के सबसे संवेदनशील पहलुओं पर रहा। सैद्धांतिक कक्षाओं में वॉकओवर निर्णय, टाई-ब्रेकर्स, गोल्डन प्वाइंट और जजमेंट डेस्क व तकनीकी टेबल की भूमिका पर विस्तार से चर्चा की गई। एक सामान्य चर्चा और फीडबैक सत्र के दौरान प्रतिभागियों ने अपनी शंकाएं रखीं, अनुभव साझा किए और प्रतियोगिताओं के दौरान सामने आने वाली जटिल परिस्थितियों पर स्पष्टता प्राप्त की।

अंतिम दिन का प्रमुख आकर्षण एन.जी.ए.आई. द्वारा आयोजित लिखित परीक्षा रही। इस परीक्षा में गतका ऑफिशियलज का मूल्यांकन नियमों, स्कोरिंग प्रणाली, फाउल प्रबंधन, सुरक्षा प्रोटोकॉल और प्रतियोगिता प्रक्रियाओं की समझ के आधार पर किया गया। इस मूल्यांकन के आधार पर अधिकारियों की ग्रेडिंग और प्रमाणन किया जाएगा जो आगे चलकर राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में उनकी ऑफिशिएटिंग पात्रता तय करेगा। एडवोकेट हरजीत सिंह ग्रेवाल के अनुसार इस परीक्षा और प्रमाणन प्रक्रिया का उद्देश्य जवाबदेही बढ़ाना, ऑफिशिएटिंग में निरंतरता सुनिश्चित करना और तकनीकी अधिकारियों की गरिमा को बनाए रखना है।
कोर्स पर प्रतिभागियों की प्रतिक्रिया
प्रतिभागियों ने इस रिफ्रेशर कोर्स को अब तक आयोजित सबसे चुनौतीपूर्ण और परिवर्तनकारी प्रशिक्षण कार्यक्रम बताया। छत्तीसगढ़ के अमन सिंह ने कहा कि संरचित सैद्धांतिक सत्रों और व्यवहारिक प्रशिक्षण के संयोजन से उन्हें ऑफिशिएटिंग की समग्र जिम्मेदारियों को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिली।
महाराष्ट्र के पांडुरंग अंभूरे ने कहा कि नियमों की स्पष्ट व्याख्या और स्कोरिंग पर दिया गया विशेष जोर प्रतियोगिताओं के दौरान विवादों को कम करने में सहायक सिद्ध होगा। वहीं पंजाब के गुरविंदर सिंह घनौली और हरियाणा के हरनाम सिंह ने कहा कि इस कोर्स ने उन्हें “वास्तविक मैच परिस्थितियों की गहरी समझ” दी जो सामान्य टूर्नामेंट अनुभव से संभव नहीं होती।
भविष्य की ओर बढ़ता रोडमैप
कोर्स के दौरान अधिकारियों को संबोधित करते हुए एन.जी.ए.आई. अध्यक्ष एडवोकेट हरजीत सिंह ग्रेवाल ने कहा कि यह रिफ्रेशर कार्यक्रम और प्रमाणन परीक्षा गतका ऑफिशिएटिंग को अंतरराष्ट्रीय मानकों तक पहुँचाने की दीर्घकालिक रणनीति का हिस्सा है। उन्होंने घोषणा की कि अगला राष्ट्रीय गतका रिफ्रेशर कोर्स छत्तीसगढ़ के भिलाई में न्यू गतका स्पोर्ट्स एसोसिएशन छत्तीसगढ़ के सहयोग से आयोजित किया जाएगा जबकि देश के अन्य हिस्सों में भी इसी तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
उन्होंने यह भी जानकारी दी कि वर्ल्ड गतका फेडरेशन की अंतरराष्ट्रीय नियमावली का संशोधित पाँचवाँ संस्करण शीघ्र ही प्रकाशित किया जाएगा जिसमें विभिन्न स्तरों की प्रतियोगिताओं से प्राप्त हालिया सुधारों और व्यवहारिक अनुभवों को शामिल किया जाएगा।
इस अवसर पर उपस्थित वरिष्ठ पदाधिकारियों में एन.जी.ए.आई. महासचिव हरजिंदर कुमार और गतका एसोसिएशन ऑफ पंजाब के संयुक्त सचिव बलजीत सिंह ने इस बात पर बल दिया कि गतका के राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय विस्तार के साथ कदम मिलाने के लिए निरंतर क्षमता-विकास अत्यंत आवश्यक है।
निस्संदेह, इस रिफ्रेशर कोर्स ने गतका में एक नया मानक स्थापित किया है और यह सुनिश्चित किया है कि गतका खेल अब संरचित शासन, पेशेवर दृष्टिकोण, जवाबदेही, पारदर्शिता और वैश्विक रूप से समन्वित ऑफिशिएटिंग मानकों की दिशा में निर्णायक रूप से आगे बढ़ चुका है।